नाटक-एकाँकी >> ये आकाश मेरा भी है ये आकाश मेरा भी हैडॉ. रमेश चन्द्र गुप्ता
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नाटक साहित्य श्रृंखला की महत्वपूर्ण विधा है। धारावाहिक नाटक ‘ये आकाश मेरा भी है’ की इस कृति में प्रबुद्ध लेखक डॉ. रमेश चन्द्र गुप्ता ने समाज में व्याप्त विद्रूपताओं का विश्लेषण रोचक ढंग से स्थापित करते हुए सुसंस्कारों की पुनर्स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। साथ ही भ्रूण हत्या, बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव की इस जीवन संस्कृति की अवनति के निराकरण का परिवारोपयोगी एवं समाजोपयोगी स्तुत्य समाधान प्रस्तुत किया है। कथावस्तु की रोचकता, भाषा की सहजता-सरलता, मनोहारी दृश्यों की योजना रंगमंच की दृष्टि से उच्चकोटि की हैं।
सामाजिक समस्याओं की विविधता, सहृदयता का सामंजस्य, रस संचार, बौद्धिक संघर्ष आदि का मनोवैज्ञानिक चित्रण नाटक की विशेषता है। साथ ही नाटक में सरसता, उत्सुकता, स्वाभाविकता एवं काव्यात्मकता का अनूठा सौन्दर्य परिलक्षित है।
यह श्रेष्ठ साहित्यिक धारावाहिक नाटक रेडियो के साथ मंचानुकूल भी है तथा यह नाट्यकला का आदर्श प्रस्तुत करता है।
—डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा ‘अरुण’
(वरिष्ठ साहित्यकार, पूर्व प्राचार्य एवं पूर्व सदस्य साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली)
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